धूप खिली है घटा में, सफर शुरू हुआ आज से है तकलीफें मिली थीं जिन्दगी दास्ताने इश्क आज धूप खिली है घटा में, सफर शुरू हुआ आज से है तकलीफें मिली थीं जिन्दगी दास्त...
माँ प्रभु का रूप है माँ सृष्टि का स्वरुप है माँ है जग में स्नेह की मूरत माँ ममताम माँ प्रभु का रूप है माँ सृष्टि का स्वरुप है माँ है जग में स्नेह की मूरत ...
प्रकृति की पूजा की वैदिक परंपरा से प्रभावित। प्रकृति की पूजा की वैदिक परंपरा से प्रभावित।
कितना चला हूँ धूप में छालों से पूछ लो कुछ मोल पसीने का निवालों से पूछ लो। कितना चला हूँ धूप में छालों से पूछ लो कुछ मोल पसीने का निवालों से पूछ लो।
जात पात और धर्म बैठे तराजू की एक ओर हैं, समझ नहीं आता दूसरी ओर बैठा कौन है। जात पात और धर्म बैठे तराजू की एक ओर हैं, समझ नहीं आता दूसरी ओर बैठा कौन है।
भूखे पेट खेत में चिलचिलाती धूप में हमें सोना होगा। भूखे पेट खेत में चिलचिलाती धूप में हमें सोना होगा।